आशुतोष के आंसू और केजरीवाल की माफ़ी
जो आशुतोष अब तक यही कहते थे की मुझे आप के सवालों पे हंसी आती है और यादव और भूषण ने अपने आप को हंसी पात्र बना लिया है ,और यह कहने के बाद आशुतोष एक बेशर्म हंसी हँसते थे। आज जब उनको उनकी खत्म होती हुई इन्सानियत के बारे में पूछे गया तो उनके आंसू फुट पड़े। बहुत लोग कहते हैं यह उनके घड़ियाली आंसू थे। मुझे लगता है की यह आंसू उनकी आत्मा के थे जो उनको कह रही थी की आशुतोष बहुत ही सस्ते में बेच दिया तुमने मुझको।
आज केजरीवाल जो बहुत दिनों से किसी भी सवाल से मुंह छुपा रहे थे , और गजेंदर सिंह की मौत का तमाशा बेशर्मी से देख रहे थे, आज जब उनको लगा की माफ़ी मांगना उनके फायदे में है तो उसने माफ़ी मांगी। माफ़ी सिर्फ उससमय मांगी जा सकती है जब आप ने अपराध किया हो , बाद में मांगी गयी माफी तो एक हथियार की तरह है जो एक चालक पापी किसी भी सजा से बचने के लिए मांगता है।
इनके आंसुओं और माफी से आम आदमी धोख़ा नहीं खायेगा।
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