Sunday, April 26, 2015
Atma Ki Mandi
एक बार एक देश में आत्माओं का अकाल पड़ गया। देश में त्राहि त्राहि मच गयी। नए बच्चों का जनम होना बंद हो गया। एक रात वहां आकाशवाणी हुई की अगर लोग बच्चे चाहते हैं तो आत्माओं को खरीद कर लायें। उसी रात लोग आत्माओं की खोज में निकल गए लेकिन कहीं कोई आत्मा बेचने वाले नहीं मिलते थे। लोगों की उम्मीद टूटने लगी की तभी किसी ने बताया की हस्तिनापुर में जंतर मंतर पर आत्माएं बिक रहीं हैं।
Friday, April 24, 2015
AAP Ke AANSU
आशुतोष के आंसू और केजरीवाल की माफ़ी
जो आशुतोष अब तक यही कहते थे की मुझे आप के सवालों पे हंसी आती है और यादव और भूषण ने अपने आप को हंसी पात्र बना लिया है ,और यह कहने के बाद आशुतोष एक बेशर्म हंसी हँसते थे। आज जब उनको उनकी खत्म होती हुई इन्सानियत के बारे में पूछे गया तो उनके आंसू फुट पड़े। बहुत लोग कहते हैं यह उनके घड़ियाली आंसू थे। मुझे लगता है की यह आंसू उनकी आत्मा के थे जो उनको कह रही थी की आशुतोष बहुत ही सस्ते में बेच दिया तुमने मुझको।
आज केजरीवाल जो बहुत दिनों से किसी भी सवाल से मुंह छुपा रहे थे , और गजेंदर सिंह की मौत का तमाशा बेशर्मी से देख रहे थे, आज जब उनको लगा की माफ़ी मांगना उनके फायदे में है तो उसने माफ़ी मांगी। माफ़ी सिर्फ उससमय मांगी जा सकती है जब आप ने अपराध किया हो , बाद में मांगी गयी माफी तो एक हथियार की तरह है जो एक चालक पापी किसी भी सजा से बचने के लिए मांगता है।
इनके आंसुओं और माफी से आम आदमी धोख़ा नहीं खायेगा।
Tuesday, April 21, 2015
Ek Kahani AAP ki Jubani
धार्मिक भेड़िआ
आज जिस तरह से यादव और भूषण को निकाला गया , उससे मुझे एक कहानी याद आ रही है जो मैंने स्कूल में पढ़ी थी।
जंगल में एक नदी थी। और एक दोपहर एक मेमना जिसे बहुत प्यास लगी थी , पानी पीने आया। दूर से एक भेड़िये की उस पर नजर पड़ी और वह भी भागा भागा वहां आया। भेड़िये का उस मेमने को खाने का मन था , उसके मुँह में लार टपकने लगी . उसने उसे खाने का मन बना लिया। लेकिन एक बात से डर रहा था की लोग उसे जालिम न समझेँ। उस ने सोचा पहले इस की कोई गलती निकालूँ तो इस को सजाये मौत दूंगा और फिर इसे खाऊंगा। मेमना उस भेड़िये के इर्रादों से नावाकिफ था। वह पानी की ओर बढा। तभी भेड़िये ने कहा तुम ने मुझे गाली निकाली है। मेमने ने कहा , " मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता। भेड़िये ने कहा , फिर तेरे बाप ने निकाली होगी। मेमना बोला , साहिब उनको तो मरे भी एक साल हो गया। भेड़िया बोला , " फिर तेरी माँ ने निकाली होगी। मेमना बोला ," साहिब वह भी मर चुकी है। अब भेड़िये से उसे खाए बिना रहा नहीं जा रहा था। वह उसे खाने का मन बना चुका था। उसने कहा , साले झूठ बोलता है , तेरा तो खानदान ही झूठा है और मैं झूठ को खत्म कर के रहूँगा।
और फिर भेड़िये ने कहा , तूने नहीं तो तेरे बाप ने , आज नहीं तो पिछले साल निकाली होगी। उसकी सजा तुम्हे मिलेगी और इतना कह कर वह मेमने के ऊपर टूट पड़ा और उसको खाने लगा।
तभी उसने देखा की और जानवर जो उसकी जूठन पे पलते थे ,उस ओर आ रहे थे. उसने आधा मेमना उन के लिए छोड़ दिया। वह सब बाँट के खाने लगे और तभी उनोह्नो देखा जंगल से कुछ और जानवर भी आ रहे हैं.
तभी जूठन खाने वालोँ ने नारा लगाया कि झूठ का अन्त हो गया और सच की जीत हो गयी। लेकिन कुछ जानवरों को शक़ हो गया की कहीं किसी निर्दोष को तो नहीं मार दिया। लेकिन भेड़िये के साथियों ने तभी उनको याद कराया की यह भेड़िया बड़ा धार्मिक है और उन्हें याद कराया की पिछले दिनों इसकी फोटो भी छपी थी जिसमें भेड़िये को पूजा पाठ और योग करते हुए दिखाया था। आप चिन्ता न करे ,अब झूठ नहीं बचेगा और आप को भी खाने को ज्यादा मिलेगा आप अपने अपने घर जाएँ, आप का राशन घर पहुँच जायेगा। यह सुन कर बहुत लोग अपने घर वापिस चले गए।
लेकिन कुछ को शक हुआ की यह इनकी एक चॉल थी ,और धीरे धीरे और निर्दोषों को भी मार सकते हैं. और वह दुसरे जंगलों की और निकल गए की दूसरे जंगलों के जानवरों को आगाह कर दें कि वह धार्मिक भेड़िये से बचें। धार्मिक भेड़िया भी बेफिक्र अपने अगले शिकार के लिए निकल चुका था।
आज जिस तरह से यादव और भूषण को निकाला गया , उससे मुझे एक कहानी याद आ रही है जो मैंने स्कूल में पढ़ी थी।
जंगल में एक नदी थी। और एक दोपहर एक मेमना जिसे बहुत प्यास लगी थी , पानी पीने आया। दूर से एक भेड़िये की उस पर नजर पड़ी और वह भी भागा भागा वहां आया। भेड़िये का उस मेमने को खाने का मन था , उसके मुँह में लार टपकने लगी . उसने उसे खाने का मन बना लिया। लेकिन एक बात से डर रहा था की लोग उसे जालिम न समझेँ। उस ने सोचा पहले इस की कोई गलती निकालूँ तो इस को सजाये मौत दूंगा और फिर इसे खाऊंगा। मेमना उस भेड़िये के इर्रादों से नावाकिफ था। वह पानी की ओर बढा। तभी भेड़िये ने कहा तुम ने मुझे गाली निकाली है। मेमने ने कहा , " मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता। भेड़िये ने कहा , फिर तेरे बाप ने निकाली होगी। मेमना बोला , साहिब उनको तो मरे भी एक साल हो गया। भेड़िया बोला , " फिर तेरी माँ ने निकाली होगी। मेमना बोला ," साहिब वह भी मर चुकी है। अब भेड़िये से उसे खाए बिना रहा नहीं जा रहा था। वह उसे खाने का मन बना चुका था। उसने कहा , साले झूठ बोलता है , तेरा तो खानदान ही झूठा है और मैं झूठ को खत्म कर के रहूँगा।
और फिर भेड़िये ने कहा , तूने नहीं तो तेरे बाप ने , आज नहीं तो पिछले साल निकाली होगी। उसकी सजा तुम्हे मिलेगी और इतना कह कर वह मेमने के ऊपर टूट पड़ा और उसको खाने लगा।
तभी उसने देखा की और जानवर जो उसकी जूठन पे पलते थे ,उस ओर आ रहे थे. उसने आधा मेमना उन के लिए छोड़ दिया। वह सब बाँट के खाने लगे और तभी उनोह्नो देखा जंगल से कुछ और जानवर भी आ रहे हैं.
तभी जूठन खाने वालोँ ने नारा लगाया कि झूठ का अन्त हो गया और सच की जीत हो गयी। लेकिन कुछ जानवरों को शक़ हो गया की कहीं किसी निर्दोष को तो नहीं मार दिया। लेकिन भेड़िये के साथियों ने तभी उनको याद कराया की यह भेड़िया बड़ा धार्मिक है और उन्हें याद कराया की पिछले दिनों इसकी फोटो भी छपी थी जिसमें भेड़िये को पूजा पाठ और योग करते हुए दिखाया था। आप चिन्ता न करे ,अब झूठ नहीं बचेगा और आप को भी खाने को ज्यादा मिलेगा आप अपने अपने घर जाएँ, आप का राशन घर पहुँच जायेगा। यह सुन कर बहुत लोग अपने घर वापिस चले गए।
लेकिन कुछ को शक हुआ की यह इनकी एक चॉल थी ,और धीरे धीरे और निर्दोषों को भी मार सकते हैं. और वह दुसरे जंगलों की और निकल गए की दूसरे जंगलों के जानवरों को आगाह कर दें कि वह धार्मिक भेड़िये से बचें। धार्मिक भेड़िया भी बेफिक्र अपने अगले शिकार के लिए निकल चुका था।
Wednesday, April 1, 2015
If you feel cheated by Kejriwal
Was Kejriwal
a person or a dream?
Kejriwal
become a symbol of hope and dream for an honest politics in this country, where people in
politics were alleged to have double standards. But Kejriwal raised those standards
to triple from double. Earlier politicians used to have difference in their words
and deeds only but Kejriwal progressed further having difference in his thought,
word and deed. Earlier at times people in power showed some shame and used to
admit their mistakes. He has raised the level to a new shamelessness by singing songs of Bhaichara and kicking on the back and front of founders of this movement.
Has power
corrupted him?
No, no power
has the authority to corrupt anyone; power is like rain, which will help the
seeds lying in the earth to grow. Power has only made tree of seeds lying in
his being.
Does he want Yes men around him – Answer is Big No, he does not want
Yes MEN, he want Yes Hollow puppets,
who will thrive on Kejriwals alms. He will not allow any man of credibility, courage,
dedicated to the larger good, near him. He will wish to kick them on their front and Back both.
Why people could not see earlier
People near
him refused to see because of their own greed or were not intelligent enough to
see through his slogans. Yadav and
Bhushan owe an Explanation, why they were not concerned at the resignations
of, Ms. Bhaduri, Shajia Ilmi and Binny. Why they did not object to the great
fraud committed by kejriwal in conducting fake interviews before Lok sabha
Elections.
Failure of our main stream writers and thought in
Media, who
used to diagnose the immediate, shower praise if he succeeded and abused if he
faltered. They could not see through the games of Kejriwal. Most of their
writings were diagnostic and not prognostic.
Though I saw
through some his games before the Lok Sabha Elections, But still I hoped that I
am wrong as I did not allow myself, to let my dream of a honest alternative
politics die.
I started my blog Kejriwal watch, which when I look back, I see
that I had been able to see quite early the fault lines in Kejriwal’s Behavior.
If you are seriously interested in understanding the initiation, growth and development
of the fault lines in his behavior, do read these articles from the beginning.
My first
article in March 2014, followed by 40 more on AAP.
Why Kejriwal Watch
Where Are We - We are experiencing one of the most exciting time full of hope for a great Indian future. And the symbol of hope is Arvind Kejriwal and his AAP. People are in love with him.ButIf this experiment of AAP fails future will be very painful.Who can make this experiment fail.
1) AAM Adami2) People who have vested interests in the existing system.3)Kejriwal and team AAP.Let us think over them one by one.............
You can
Judge yourself who is responsible for shattering the dream of Crores of AAM Adamis
and failing the experiment of AAP.
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